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मोबाइल चोरी के आरोप में प्री मैट्रिक हास्टल के युवक की बेदम पिटाई

मोबाइल चोरी के आरोप में प्री मैट्रिक हास्टल के युवक की बेदम पिटाई

युवक की सिर फटा एवं शरीर पर चोंट के निशान

मामला ः प्री मैट्रिक अनु.ज.जा बालक छात्रावास सोनाखान

शैलेन्द्र देवांगन / बिलाईगढ़ / प्रज्ञा 24 न्यूज़

 

बिलाईगढ़ । आज पालक अपने बच्चो को अच्छे से पढ़ाई करने हेतु छात्रावास दाखिला कराकर भेजते है लेकिन छात्रावास अधीक्षक की लापरवाही से छात्रावास के व्यवस्था पर प्रश्न खड़ा कर दिया है. आपको बता दें कि बलौदाबाजार जिले के जनपद पंचायत कसडोल के अंतर्गत एवं बिलाईगढ़ विधानसभा क्षेत्र के वनांचल क्षेत्र सोनाखान में रविवार को प्री मैट्रिक अनु.ज.जा बालक छात्रावास में मोबाइल चोरी के आरोप लगाकर ग्राम कोर्राडीह निवासी युवक को बेदम मारपीट किया गया है जिसमें युवक की सिर फट गया और शरीर पर भी चोंट के निशान है तथा हास्टल अधीक्षक मिश्रा द्वारा मामला को दबाने के उद्देश्य से अभी तक जिम्मेदार अधिकारी को नही बताया गया है और सोनाखान पुलिस चौकी में रिपोर्ट दर्ज नही कराने का मामला सामने आया है.।प्राप्त जानकारी के अनुसार अनु. जनजाति प्री मेट्रिक छात्रावास सोनाखान है जहाँ बीते रविवार दिनाँक 15/12/2024 को मोबाईल चोरी किए हो कहकर कक्षा 10 के कुछ छात्रों ने कक्षा 9 वीं के एक छात्र को बुरी तरह से पीटा जिससे 9 वीं के छात्र की सर फट गया मामला को दबाने के प्रयास में छात्रावास अधीक्षक ने घायल बच्चे का ईलाज सोनाखान में स्थित सरकारी अस्पताल में न कराकर कहीं अन्यत्र कराया गया।जबकि हॉस्टल में छात्रों को मोबाईल रखने का परमिशन नहीं है

संबंध में छात्रावास अधीक्षक विश्वनाथ मिश्रा से संपर्क करने पर टालमटोल ज्वाब देते हुए बोला जो छापना है छाप दो और कलेक्टर को भी भेज दो बोला।

उसने आगे मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि इस मामले में समझौता हो गया है तथा एसडीएम को जानकारी दे दिया गया है

इस सम्बंध में गिरौद एसडीएम रामरतन दुबे से घटना की जानकारी पुछने पर बताया गया की तहसीलदार को जाँच करने का निर्देश दिया हूँ वह जाकर जाँच करेंगे।

वहीँ सारंगढ़ बिलाईगढ़ एवं बलौदाबाजार मे ऐसे कई छात्रावास मिलेंगे जहां अव्यवस्था का आलम दिखेगा जहां बच्चे का नाम 100 प्रतिशत रजिस्ट्रर me दिखेगा लेकिन उपस्थिति केवल 25 प्रतिशत होती है.कई छात्रावास मे अधीक्षक सप्ताह एवं महीनों मे एक दिन नजर आते हैँ जबकि प्रतिदिन उपस्थिति अनिवार्य है. लेकिन जिम्मेदार अधिकारियो के सतत निरिक्षण नहीं होने व उनकी उदासीनता से इस प्रकार की अव्यवस्था देखने को मिलता है और ऐसे घटनाये घटती रहती है जिसके खिलाफ पत्रकार या जागरूक लोग आवाज उठाये तो गलती स्वीकार न करते हुए दुसरो को धमकाते है और अपना पावर, पोजीशन और पहुंच दिखाकर लोगो को धौन्स दिखाते है. अब देखते है अधिकारियो के द्वारा जाँच करके क्या कार्यवाही करते हैँ. ये तो आने वाला समय ही बताएगा

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