छत्तीसगढ़ योग आयोग के तत्वधान से अंचल के गौठान में 1 घंटे का योग सत्र के बाद आज छत्तीसगढ़ का पहला त्यौहार हरेली मनाया गया पारंपरिक ढंग से…
छत्तीसगढ़ योग आयोग के तत्वधान से अंचल के गौठान में 1 घंटे का योग सत्र के बाद आज छत्तीसगढ़ का पहला त्यौहार हरेली मनाया गया पारंपरिक ढंग से…
बलौदाबाजार : छत्तीसगढ़ योग आयोग के तत्वधान से अंचल के गौठान में 1 घंटे का योग सत्र के बाद आज छत्तीसगढ़ का पहला त्यौहार हरेली पारंपरिक ढंग से मनाया गया। गौ माता व कृषि औजारों की छत्तीसगढ़ी व्यंजन के साथ विधि विधान से पूजा अर्चना किया गया।
कोरोना जैसी खतरनाक वायरस से बचाव हेतु यादव बंधुओं द्वारा सतावर का काढ़ा/जरी दिया गया और घर-घर में नीम की डालिया लगाई गई ।कई स्थानों में वृक्षारोपण भी किया गया।
ग्राम पंचायत सुहेला में कुमारी रश्मि द्वारा योग सत्र लिया गया। रश्मि जी कहती हैं।शरीर का निर्माण पंचमहाभूत पहला आकाश दूसरा अग्नि तीसरा वायु चौथा जल और पांचवा पृथ्वी से मिलकर बना है। शरीर में इन तत्वों की कमी या अधिकता के कारण ही रोग उत्पन्न होते हैं। जिसका निवारण हमारे हिंदू धर्म में पंचगव्य पहला दूध दूसरा दही छाछ तीसरा मक्खन चौथा घी पांचवा गोमूत्र से किया जाता रहा है। इसलिए हिंदू संस्कृति में गौ को माता का दर्जा दिया गया है। गौ माता के पास रहने से,उनको स्पर्श से, पंचगव्य के सेवन से हमारा शरीर परिशुद्ध व सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
गायत्री शक्तिपीठ के संस्थापक श्रीराम शर्मा आचार्य जी 12 वर्ष केवल जौ की रोटी और छाछ पीकर गायत्री महामंत्र का जाप किए और उन्हें दिव्य ज्ञान की प्राप्ति हुई। भगवान बुद्ध बोधी में पीपल पेड़ के नीचे निरंतर ध्यान करते थे एक दिन सुजाता नाम की नारी पुत्र प्राप्ति हेतु खीर बनाकर उसी पीपल को भोग लगाने आई साथ ही साथ बुद्ध जी को भी प्रसाद स्वरूप खीर खाने को दी। लोग कहते हैं, भगवान बुद्ध को उसी रात दिव्य ज्ञान की प्राप्ति हुई। ऐसे अनेकों उदाहरण है ,जिसमें गौ माता के गुणों के बारे में जानकारी मिलती है।
वहीं योग प्रशिक्षक ने आगे कहा कि हम भी इस पवित्र स्थान में बैठकर अपने आप को गौरवान्वित ,आनंदित महसूस कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ शासन माननीय श्री भूपेश बघेल जी ,छत्तीसगढ़ योग आयोग के अध्यक्ष श्री ज्ञानेश वर्मा जी, सरपंच महोदया सविता वर्मा जी तथा सचिव ,उपसरपंच, गौ सेवक , यादव बंधुओं व प्यारे प्यारे बच्चों को धन्यवाद अर्पित करती हुँ ।