द्वितीय दिवस भागवत कथा भेलवाडीह अभनपुर

*द्वितीय दिवस भागवत कथा भेलवाडीह अभनपुर*
*भगवान भक्तों के आधीन- देवी गरिमा*
भक्त विदुर कथा की भावपूर्ण कथा प्रसंग में देवी जी ने कहा भगवान भक्तों के वश में होते हैं।द्वितीय दिन की कथा का वर्णन करते हुए सृष्टि वर्णन एवं भक्ति विदुर की कथा सुनकर भक्त भाव विभोर हो गए। परमात्मा पदार्थ से नहीं अपितु प्रेम से प्रसन्न होते हैं प्रेम के वश में होकर भगवान दुर्योधन का आमंत्रण अस्वीकार कर बिना आमंत्रण स्वयं भक्त के घर आतिथ्य स्वीकार किये दुर्योधन का छप्पन भोग छोड़कर विदुर के घर का खिचड़ी और भाजी खाकर तृप्त हो गए और विदुर विदुरानी को अनुग्रहित किये। सृष्टि कथा का वर्णन करते हुए देवी जी ने कहा सारा संसार सत्य रूपी परमात्मा से ओतप्रोत है। भागवत की दृष्टि में संपूर्ण जगत ही परमात्मा का विराट स्वरूप है ईश्वर की व्यापकता का सुंदर चित्रण करते हुए भगवान को सरल भाव में भक्तों को बताए । जिसके बिना हम एक पल भी नहीं रह सकते उसे ही भगवान कहते हैं व्यक्ति एवं वस्तुओं के फेर में पड़कर सारी जिंदगी भगवान की तलाश में भटकते हैं वायु , आकाश , पवन , पानी , अग्नि , सूर्य यह सभी भगवान के सगुण प्रत्यक्ष स्वरूप हैं “सियाराम मय सब जग जानी” का भाव यही है।
भागवत भक्त के कण कण में है अदृश्य नहीं अपितु साकार रूप में अवलोकन कर सकते हैं । जिसके लिए हृदय में भक्ति का होना आवश्यक है उक्त उद्गार देवी जी ग्राम भेलवाडीह (अभनपुर) में पटेल परिवार द्वारा आयोजित कथा में वर्णन किए। मुख्य यजमान के रूप में ईश्वर पटेल श्रीमति टिकेश्वरी पटेल, दौवा राम पटेल श्रीमति इंदिया बाई पटेल एवं समस्त पटेल परिवार बरसते पानी में भी लोग कथा का आनंद ले रहे हैं ,बड़ी संख्या में लोग पहुंचकर प्रवचन का लाभ ले रहे हैं।