भटगांव , बिलाईगढ़, सलोनीकला, धोबनी एवं सरसींवा मे शासकीय शिक्षकों द्वारा संचालित है कोचिंग का अवैध धंधा

भटगांव , बिलाईगढ़, सलोनीकला, धोबनी एवं सरसींवा मे शासकीय शिक्षकों द्वारा संचालित है कोचिंग का अवैध धंधा
शिक्षक एवं अतिथि शिक्षक खुले आम कर रहें हैं RTE के नियमो का उल्लंघ्न,
मोटी फीस लेकर संचालित कर रहें हैं अवैध कोचिंग का व्यवसाय
बिलाईगढ़ – विकासखंड बिलाईगढ़ के अंतर्गत भटगांव, बिलाईगढ़, सलोनीकला, धोबनी एवं सरसींवा सहित कई स्थानों मे शिक्षाकर्मी व अतिथि शिक्षकों, आत्मानन्द स्कूल शिक्षकों एवं DAV स्कूल के शिक्षकों द्वारा कोचिंग का अवैध धंधा खुलेआम चला रहें हैं. वहीं ऐसे शिक्षक एवं अतिथि शिक्षक खुले आम RTE के नियमो का उल्लंघ्न कर रहें हैं.
बिलाईगढ़ के कई स्थानों मे शिक्षको द्वारा कोचिंग का संचालन, भटगांव के सेठ तालाब किनारे मकान मे DAV मुख्यमंत्री स्कूल के शिक्षकों द्वारा कोचिंग का संचालन , नहर किनारे मकान मे आत्मानन्द शासकीय अंग्रेजी मेडियम स्कूल के शिक्षकों द्वारा कोचिंग का संचालन , जमगहन रोड मे किराये के मकान मे शिक्षक द्वारा कोचिंग का संचालन , सरसींवा मे कई स्थानों पर शासकीय शिक्षक द्वारा कोचिंग का संचालन, धोबनी मे शासकीय शिक्षिको द्वारा कोचिंग का संचालन और सलोनीकला मे कई वर्षों से शासकीय शिक्षकों द्वारा कोचिंग का संचालन किया जा रहा हैं.
जहाँ बच्चों से मोटी रकम वसूल करके अवैध कोचिंग का व्यवसाय संचालित किया जा रहा है. जिसे न किसी अधिकारी का डर है न किसी कार्यवाही का. बेख़ौफ़ तरीके से और कोचिंग का नाम देकर संचालन कर रहें हैं.
RTE अधिनियम धारा 28 के तहत कोई भी शासकीय शिक्षक, अतिथि शिक्षक तथा संविदा शिक्षक अपने आप को कोई भी कोचिंग संस्थान मे संलिप्त नहीं कर सकता न ही किसी भी प्रकार का कोचिंग संचालन कर सकता है न ही कहीं पर कोचिंग पढ़ा सकता है लेकिन शायद उन्हें पता नहीं हैं कि इस प्रकार के RTE के नियमो का उल्लघन करते पाए गये तो ऐसे शिक्षकों के ऊपर शिक्षा विभाग द्वारा कार्यवाही करते हुये कानूनी कार्यवाही भी हो सकता है.
वहीं शिक्षकों द्वारा इस प्रकार के अवैध कोचिंग संचालन से शिक्षक स्कूल मे कम और कोचिंग मे अधिक ध्यान देते हैं. क्योंकि कोचिंग मे उन्हें मोटा रकम भी मिलता है तो स्वाभाविक है अपने स्कूल मे शासकीय वेतन तो मिलेगा ही या तो स्कूल मे पढ़ाये या न पढ़ाये. लेकिन कोचिंग से उन्हें डबल मुनाफा से उन्हें और अधिक फायदा हो रहा है जिससे जिला शिक्षा अधिकारी व ब्लॉक शिक्षा अधिकारी के उदासीनता के चलते बिलाईगढ़ विकासखंड के अंतर्गत इस प्रकार से शासकीय शिक्षकों द्वारा अधिकांश स्थानों पर कोचिंग का संचालन किया जा रहा है.
अब देखना लाजमी होगा कि 40-50 हजार वेतन पाने वाले शासकीय शिक्षकों, अतिथि शिक्षकों एवं संविदा शिक्षकों के खिलाफ शासन प्रशासन क्या कार्यवाही करती हैं. ये तो आने वाला समय ही बताएगा.
अगले अंक मे ऐसे शिक्षकों द्वारा संचालित कोचिंग का नाम एवं शिक्षक का नाम पता जरुर प्रकाशित किया जायेगा जिनके खिलाफ उच्च अधिकारियो को अवगत कराया जा चूका हैं और उचित कार्यवाही हेतू शिकायत पत्र भी दिया जा चूका है.