बिना मान्यता और बिना किसी सुविधा के कई स्थानों मे स्कूल का संचालन,

बिना मान्यता और बिना किसी सुविधा के कई स्थानों मे स्कूल का संचालन
स्कूल के वाहनों का रख रखाव सहित स्कूल वाहन मे स्कूल का नाम ही नहीं
स्कूल के वाहनों मे बिना फिटनेस, बीमा और रख रखाव व बैठने वाले बच्चों के लिये बिना फायर सेफ्टी का वाहन का संचालन
स्कूल से इश्तीफा दिये कई शिक्षकों को पिछले 6 माह व 1 वर्ष का वेतन का भुगतान नहीं
सारंगढ़ बिलाईगढ़ – जिले के विकासखंड के अंतर्गत भटगांव, बिलाईगढ़, सरसींवा इत्यादि कई नगर और ग्रामीणों मे ऐसे स्कूल का संचालन किया जा रहा है जहाँ कई अनियमितता और असुविधाओं को देखा जा सकता है. गर्मी मे पालकों एवं बच्चों को लुभाने के लिये जितने प्रचार प्रसार किये थे अब बच्चों के प्रवेश के बाद भी उन्हें सुविधा नहीं मिल पा रहा है. न स्कूल मे अनुभवी शिक्षक है न ही बीएड डीएड धारी पर्याप्त शिक्षक. केवल ऐसे निजी स्कूल मे 12 वीं पास शिक्षक या स्नातक उत्तीर्ण शिक्षक मिलेंगे जिसमे से अधिकांश शिक्षक न तो प्रशिक्षित है न ही बीएड व डीएड योग्यता. 2000 से 3000 तक मे बिना अनुभव व योग्यता वाले शिक्षक से अपना काम चला रहें हैं. अब आप सोच सकते हैं कि ऐसे निजी स्कूल की पढ़ाई क्या होगी.
वहीं विकासखंड मे ऐसे कई स्कूल मिलेंगे जो बिना मान्यता और बिना किसी सुविधा स्कूल का संचालन किया जा रहा है. मान्यता भी मिल गई होगी तो मान्यता क्रमांक तक प्रदर्शित नहीं किये हैं और कई स्कूल ऐसे भी मिलेंगे जो मान्यता कहीं और का है और संचालन कहीं और कर रहें हैं. यहाँ तक बिना मान्यता के 9 वीं क्लास का भी संचालन कर रहें हैं और बिना योग्यता के प्राचार्य और प्रधानाचार्य भी नियुक्त कर दिये गये हैं.
वहीं अधिकांश स्कूल के वाहनों का रख रखाव सहित स्कूल वाहन मे स्कूल का नाम ही नहीं है. स्कूल के वाहनों मे बिना फिटनेस, बीमा और रख रखाव व बैठने वाले बच्चों के लिये बिना फायर सेफ्टी का वाहन का संचालन भी किया जा रहा है.
अभी तक कई स्कूल मे इश्तीफा दिये कई शिक्षकों को पिछले 6 माह व 1 वर्ष का वेतन का भुगतान नहीं हुआ है जो स्कूल के आर्थिक स्थिति को उजागर करती है.
वहीं beo और deo द्वारा इन सभी असुविधा को देखते हुये भी स्कूल की मान्यता आंख मुंदकर बिना जाँच पड़ताल के दे दिया जाता है. जबकि अधिकारियो द्वारा चाहे तो प्रत्येक वर्ष मान्यता हेतू उचित मापदंडो से स्कूलो की सुधार की जा सकती है.
स्कूल के कमियों और असुविधाओं को समय समय पर न्यूज़ पेपर और सोसल मीडिया द्वारा उजागर किया जाता है लेकिन अधिकारियो के उदासीनता और सुस्त रविये विद्यालयों मे कोई सुधार नहीं हो पाता.
अगले अंक मे समय रहते कमियों का सुधार नहीं किया गया तो ऐसे कई निजी विद्यालयों के बारे मे नाम सहित और वहां के कमियों और बच्चों को होने वाले असुविधाओ को प्रकाशित कर अधिकारियो को अवगत कराया जायेगा ताकि ऐसे स्कूल के खिलाफ ठोस कार्यवाही हो सके.