
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ आरक्षण मामले में बड़ी खबर सामने आई है. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने आरक्षण मामले में राज्यपाल सचिवालय को नोटिस जारी किया है. 2 हफ्ते में हाईकोर्ट ने जवाब तलब किया है.
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ आरक्षण मामले में बड़ी खबर सामने आई है. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने आरक्षण मामले में राज्यपाल सचिवालय को नोटिस जारी किया है. 2 हफ्ते में हाईकोर्ट ने जवाब तलब किया है.
हाईकोर्ट में राज्य शासन की ओर से याचिका लगाई गई है. राज्य सरकार की ओर वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा ने पैरवी की है. जस्टिस रजनी दुबे की सिंगल बेंच ने नोटिस जारी किया है.
बता दें कि सोमवार को इन दोनों याचिकाओं पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. शासन की ओर से सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने बहस की. उन्होंने तर्क दिया कि विधानसभा में विधेयक पारित होने के बाद राज्यपाल सिर्फ सहमति या असमति दे सकते हैं, लेकिन बिना किसी वजह के बिल को इस तरह से लंबे समय तक रोका नहीं जा सकता.
राज्यपाल अपने संवैधानिक अधिकारों का दुरुपयोग कर रही है. उनके साथ महाधिवक्ता सतीशचंद्र वर्मा भी थे. इस केस में हिमांक सलूजा की तरफ से हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट डॉ. निर्मल शुक्ला और शैलेंद्र शुक्ला ने तर्क हाईकोर्ट में रखा.
किस वर्ग को कितना आरक्षण ?
छत्तीसगढ़ में अब अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए 32 प्रतिशत, अनुसूचित जाति वर्ग के लिए 13 प्रतिशत, पिछड़ा वर्ग के लिए 27 प्रतिशत और ईडब्ल्यूएस के लिए 4 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है. मुख्यमंत्री ने लोकसेवा आरक्षण और शैक्षणिक संस्था प्रवेश में आरक्षण विधेयक सदन में पेश किया. सदन में चर्चा के पश्चात सर्वसम्मति से विधेयक पारित हुआ.