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योग बीमारियाँ ही नहीं ठीक करता बल्कि यादाश्त, अवसाद, चिंता, डिप्रेशन, मोटापा, मनोविकारों को भी दूर भगाता है – दीपक वर्मा, योगासन एवं प्राणायाम को प्रतिदिन विधिवत करने से हर प्रकार की बीमारी को दूर किया जा सकता है – खिलेश्वर पटेल

योग बीमारियाँ ही नहीं ठीक करता बल्कि यादाश्त, अवसाद, चिंता, डिप्रेशन, मोटापा, मनोविकारों को भी दूर भगाता है – दीपक वर्मा

योगासन एवं प्राणायाम को प्रतिदिन विधिवत करने से हर प्रकार की बीमारी को दूर किया जा सकता है – खिलेश्वर पटेल

बलौदा बाजार – आज 7 वां अंतराष्ट्रीय योग दिवस मनाये जा रहें हैं। वर्तमान कोविड-19 महामारी के चलते अपने अंदर सकारात्मक ऊर्जा और बेहतर रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने के लिए योग की महत्वता और भी अधिक हो चली है।

इस साल की थीम

बी विथ योग, बी एट होम अर्थात “योग के साथ रहिए, घर पर रहिए” तय की गई है। जबकि बीते वर्ष “घर में रहते हुए, अपने परिवार के साथ योग करना” थीम रखी गई थी।

जिला बलौदाबाजार भाटापारा के योग प्रचारक दीपक कुमार वर्मा इस अवसर पर बताते हुए कहा नियमित योग करने वाले व्यक्तियों के लिए योग एक बहुत ही अच्छा अभ्यास है। यह स्वस्थ जीवन शैली तथा बेहतर जीवन जीने में हमारी काफी सहायता करता है। योग वह क्रिया है, जिसके अन्तर्गत शरीर के विभिन्न भागों को एक साथ लाकर शरीर, मस्तिष्क और आत्मा को सन्तुलित करने का कार्य किया जाता है। पहले समय में योग का अभ्यास ध्यान की क्रिया के साथ किया जाता था। योग सांस लेने के अभ्यास और शारीरिक क्रियाओं का जोड़ है। योग व्यवस्थित, वैज्ञानिक और परिणाम दोनों शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के सुधारों द्वारा प्राप्त किया जा सकता है।

हम सभी के जीवन में योग काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह शरीर तथा मस्तिष्क के संबंधों में सन्तुलन बनाने में हमारी काफी सहायता करता है। यह एक प्राकर का व्यायाम है, इसके नियमित अभ्यास के द्वारा हम शारीरिक और मानसिक रुप से स्वस्थ रह सकते हैं।

योग कला की उत्पत्ति प्रचीन भारत में हुई थी। पहले के समय में बौद्ध तथा हिन्दू धर्म से जुड़े लोग योग और ध्यान का प्रयोग करते थे। योग कई प्रकार के होते हैं जैसे- राज योग, जन योग, भक्ति योग, कर्म योग, हस्त योग। आमतौर पर हस्त योग के अन्तर्गत बहुत से आसनों का भारत में अभ्यास किया जाता है।

विश्व योग दिवस

विश्व योग दिवस की घोषणा (संयुक्त राष्ट्र की सामान्य सभा में) 21 जून को भारत की पहल और सुझाव के बाद की गयी थी। योग में विभिन्न प्रकार के प्राणायाम और कपाल-भाति जैसी योग क्रियाएं शामिल हैं, जो सबसे ज्यादा प्रभावी सांस की क्रियाएं हैं। इनका नियमित अभ्यास करने से लोगों को सांस संबंधी समस्याओं और उच्च व निम्न रक्तदाब जैसी बीमारियों में आराम मिलता है। योग वो इलाज है, यदि इसका प्रतिदिन नियमित रुप से अभ्यास किया जाए, तो यह बीमारियों से धीरे-धीरे छुटकारा पाने में काफी सहायता करता है। यह हमारे शरीर में कई सारे सकारात्मक बदलाव लाता है और शरीर के अंगों की प्रक्रियाओं को भी नियमित करता है। विशेष प्रकार के योग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किए जाते हैं, इसलिए केवल आवश्यक और बताये गए योगों का ही अभ्यास करना चाहिए।

वहीं योगाचार्य दीपक वर्मा ने बताया कि हमारे देश भारत में भी योग अब बहुत प्रचलित हो गया है। योग करके हम अपने शरीर की अनेक बीमारियों को दूर कर सकते है। यह बीमारियाँ ही नहीं ठीक करता बल्कि याददास्त, अवसाद, चिंता, डिप्रेशन, मोटापा, मनोविकारों को भी दूर भगाता है। योग से अनेक लाभ भी है। शरीर में रक्त प्रवाह बढ़ाने का योग से अच्छा कोई और तरीका नहीं हो सकता है।

नित्य योग एवं प्राणायाम करने वाले भटगांव के योगप्रेमी खिलेश्वर पटेल ने अपने अनुभव शेयर करते हुए कहा कि प्रतिदिन योग एवं प्राणायाम करने से सभी प्रकार की बीमारी को दूर किया जा सकता है। हमारे रिश्तेदार एवं परिवार के सदस्यों ने शुगर, थाइराइड, हाई व लोव बी पी एवं अन्य कई बीमारियों को योग एवं प्राणायाम से दूर भगाया है और नियंत्रण भी किया है। इसलिए सभी लोगों को अपने जीवन में कम से कम प्रातः या सायं को आधे से एक घंटे के लिए योग एवं प्राणायाम हेतु समय निकालना चाहिए।

 

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