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गर्मी के सितम से जानवर न हों परेशान, इसलिए मैत्री बाग प्रबंधन ने किए यह खास इंतजाम

लोग बेहाल हैं वहीं वन्य प्राणी भी इससे प्रभावित हैं। इस स्थिति में दुर्ग जिले में स्थित भिलाई इस्पात संयंत्र के मैत्रीबाग में वन्य प्रणियों को गर्मी से बचाने जतन शुरू हो गया है। मैत्रीबाग के जू में बंदर और चिड़िया को ठंडा माहौल देने स्प्रिंकलर लगा दिया गया है। वहीं हिरण के लिए बनाए गए लॉन में फव्वारा शुरू कर दिया गया है। जिसमें उक्त वन्य प्राणी कूल हो रहे हैं। इधर ह्वाइट टाइगर के लिए कूलर का इंतजाम किया जा रहा है। आधा दर्जन कूल बीएसपी प्रबंधन से मांगा गया है। फिलहाल इन्हें स्प्रिंकलर से ठंडा रखा जा रहा है।

भिलाई इस्पात संयंत्र के उद्यानिकी विभाग द्वारा मैत्रीबाग का संचालन किया जाता है। यह दो हिस्सों में गार्डन और जू में बंटा हुआ है। जू में वर्तमान में करीब 340 वन्य प्राणी रखे गए हैं। इन वन्य प्राणियों को गर्मी से बचाने के लिए हर साल अप्रैल के दूसरे पखवाड़े में प्रबंधन द्वारा जतन शुरू किया जाता है। मैत्रीबाग के जू में ह्वाइट टाइगर के ठाठ रहेंगे। उनके लिए कूलर लगेगा। जू में वर्तमान में सात ह्वाइट टाइगर हैं। यह तीन अलग-अलग बाड़े में हैं।

इस साल तेज गर्मी को देखते हुए दूसरे सप्ताह से ही कवायद शुरू कर दी गई है। वन्य प्रणियों के बाड़े के बाहर कूलर के इंतजाम में प्रबंधन लगा है। जैसे-जैसे गर्मी बढ़ रही है जू प्रबंधन द्वारा यहां आने वाले पर्यटकों के लिए स्वच्छ पानी की व्यवस्था भी की जा रही है। इसके अलावा जानवरों के केज के सामने धूप से बचाव के लिए हरे कलर का नेट भी लगाया जा रहा है। जिससे पर्यटकों को भी राहत मिल रही है।मैत्रीबाग प्रबंधन की मानें तो गर्मी के लिहाज से ह्वाइट टाइगर अन्य वन्य प्राणियों की तुलना में ज्यादा संवेदनशील होता है। इसकी वजह से ही इन्हें गर्मी में कूल रखने कूलर लगाया जाएगा। एक दो दिनों में यह व्यवस्था कर ली जाएगी। वर्तमान में यहां स्प्रिंकलर लगाया गया है।मैत्री गार्डन प्रभारी डॉ नवीन जैन ने बताया कि गर्मी से बचाने के लिए मैत्री गार्डन में मौजूद जानवरों के बैरकों में पानी का छिड़काव किया जा रहा है. जो जानवर खुले में है, उन पर पानी की बौछार की जाती है. साथ ही जानवरों के खाने-पीने का खासा ख्याल रखा जाता है. शेर और भालू जैसे जानवरों को ठंडा मांस दिया जा रहा है. बंदर सहित अन्य जानवरों को भोजन के तौर पर तरबूज-खरबूज दिया जा रहा है।

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