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शासकीय पूर्व माध्य्मिक शाला डोकरिडीह में स्वास्थ्य जागरूकता शिविर आयोजित* ◼️सीएमएचओ डॉ. निराला ने स्वास्थ्य के प्रति बच्चों को किया जागरूक

*शासकीय पूर्व माध्य्मिक शाला डोकरिडीह में स्वास्थ्य जागरूकता शिविर आयोजित*

◼️सीएमएचओ डॉ. निराला ने स्वास्थ्य के प्रति बच्चों को किया जागरूक

बिलाईगढ़ /प्रज्ञा न्यूज़ 24 छत्तीसगढ़ /शैलेंद्र देवांगन

बिलाईगढ़ । बिलाईगढ़ जिले के विकास खंड बिलाईगढ़ के शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला डोकरीडीह में जिले एवं विकासखंड के चिकित्सकों द्वारा स्वास्थ्य जागरूकता अभियान आयोजित किया गया।कार्यक्रम के प्रांरभ में संस्था के शिक्षक महेत्तर लाल देवांगन ने चर्चा में उपस्थित जिला, तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भटगांव के डॉक्टरों एवं कर्मियो का परिचय देते हुए स्वागत उद्बोधन दिया।जिला के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.एफ.आर.निराला ने स्वास्थ्य जागरूकता के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बतलाया कि स्कूल के बच्चो में रक्त अल्पता मतलब खून की कमी होने की सर्वे रिपोर्ट है जिसमे 6 माह से 5 वर्ष के बच्चे ,6वर्ष के 10 वर्ष तकब्के बच्चो में खून की कमी और 10 वर्ष से 19 वर्ष तक के स्कूली छात्र छात्राओं में रक्त अल्पता देखी गई ।रक्त अल्पता के कारण अनेक है जिसमे एक है भोज्य पदार्थ में आयरन की कमी ।आयरन की कमी से शरीर की विकास बाधित होती है ।

दिमाग में कमी ,सोचने ,सिखने की क्षमता कम होती है याददास्त में कमी दीमाग एकाग्र नही हो पता परिणाम स्कूल के बच्चो की रिजल्ट प्रभावित होती है ।कुछ बच्चो में संतुलित आहार नही मिलने से भी एक एक विटामिन की कमी से बीमारियां होती है। इस कारण संतुलित आहार पर जोर दिया गया ,कुछ बच्चो में सिकल सेल नामक बीमारी होती है। ये आनुवांशिक बीमारी है जो माता पिता से बच्चो में ट्रांफर होता है इस कारण अभी शासन के आदेशानुसार 0 से 40 वर्ष तक के सभी लोगो की सिकल सेल की जांच अभियान की जा रही है जिसमे आगे चल कर इनकी उपचार की प्रबंधन हो सकी वही दूसरी ओर शादी के समय काउंसलिंग कर सिकल सिकल सेल की बीमारी को पीढ़ी दर पीढ़ी होने से बचाया जा सकता है ।शादि के समय कुंडली मिलान के अलावा सिकल सेल की जांच रिपोर्ट की भी मिलान करने की रिवाज को बढ़ावा दिए जाने की जरूरत है ,इसमें समाज प्रमुखों की भी भूमिका है ।एनीमिया या रक्त अल्पता की कमी को संतुलित आहार ,पौष्टिक आहार फल सब्जी भाजी के उपयोग के अलावा आयरन गोली की पूरक आहार लेने से भी पूरा किया जा सकता है। 6माह से 5 वर्ष के बच्चे को आयरन सिरप के रूप में दी जाती है। ,6 वर्ष से 10 वर्ष तक के बच्चे को आयरन की गोली जो पिंक रंग की होती है जिसे जूनियर wifs दी जाती है जबकि 10 वर्ष के उपर 19 वर्ष तक के बच्चो को WIFS याने ब्लू रंग की गोली दी जाती है ।याद रहे WIFS की गोली को सप्ताह में एक बार मंगलवार को ही स्कूल में दी जाती है जबकि आयरन सिरप की एक एक शीशी दवाई प्रत्येक बच्चो को शिशु संरक्षण माह जो अभी चल रही है दी जाती है जिसे 6 माह तक सप्ताह में 2 दिन मंगलवार और शुक्रवार को पिलाई जाती है माता पिता को काउंसलिंग करके दी जाती है छोटे बच्चे की दवाई को चेक करने की जिम्मेदारी मितानिन को दी गई जबकि स्कूल के बच्चे को गोली खिलाने की जिम्मेदारी स्कूल प्रबंधन करती है ।

आयरन गोली खाने से कोई साइड इफेक्ट नही होती बल्कि आयरन की कमी को पूरा करता है और बच्चे की फिजिकल और मेंटल ग्रोथ को बढ़ाता है। बच्चो के पालको से भी आग्रह है की स्कूलों में आयरन गोली की सेवन कराने में अच्छे वातारण बनाने में सहयोग करे ,बच्चो में आयरन डिफिशिएंसी एनीमिया के लिए कृमि रोग भी एक कारण होता है ।आगनवाड़ी एवम स्कूल के बच्चो में कृमि रोग ज्यादा देखा जाता है कृमि रोग होनेबके कारण भी बच्चो की विकाश बाधित होती है क्योंकि कृमि बच्चे के पोशक तत्व को ग्रहण कर लेता है जिसके कारण बच्चे कमजोर हो जाते है उन्हे थकान होती है दौड़ने ,खेलने में सांस फूलने लगता है चक्कर आता है सिर दर्द होता है पेट में दर्द होता है आदि कृमि रोग की खात्मा के लिए बच्चो को वर्ष में दो बार 10 अगस्त और 10 फरवरी को NDD मनाते हुए कृमि नाशक गोली सभी बच्चो को दी जाती है से शरीर स्वस्थ नही रहता है।सर्वे में 61 प्रतिशत बालिकाओं में एवं 31 प्रतिशत बालकों में इस प्रकार औसत 46 प्रतिशत विद्यार्थियों में खून की कमी पाई गई है।

यही नहीं गर्भवती महिला ,पोषक महिला अन्य महिलाओं को भी एनीमिया ज्यादा मात्रा है इसकी कमी को हम पोस्टिक आहार ,खाना बनाने की सही विधि ,खाने में मौसमी फलों को शामिल करते हुए आयरन गोली का सेवन जरूर करे हमें अपनी भोजन में दूध को शामिल कर कैल्शियम की कमी को दूर कर सकते है तथा तीन पेड़ पपीता, मूंनगा तथा केला वालो घर में लगा कर सेवन करने से भी मदद मिलती है महिलाओं को होने वाले मासिक धर्म भी एनीमिया के एक कारण है इससे महिलाओं में एनीमिया की दर बढ़ जाती है अतः महिलाओं को विशेष सतर्क व सावधान रहते हुए आयरन गोली और कैल्शियम की नियमित सेवन से मदद मिलती है ।आयुष्मान भारत योजना में सभी स्वस्थ रहे इस कारण आयुष्मान आरोग्य मंदिर की स्थापना की गई है ।जहा समुदायित स्वास्थ्य अधिकारी नियमित रूप से योगा ,मेडिटेशन ,कसरत ,खेल कूद के बारे में सिखाती है ।लोग बीमार न हो इसाकेवलिए मदद करती है जबकि बीमारी हो जाने की स्थिति में सभी व्यक्तियों के लिए आयुष्मान कार्ड बनाती है जो बीमार हो जाने की स्थिति में आयुष्मान कार्ड से फ्री में उपचार की व्यवस्था सभी सरकारी व प्राइवेट अस्पताल जो इन्पेनल होती है वहा व्यवस्था रहती है इस कारण बच्चे सहित सभी वयस्क लोगो की भी आयुष्मान कार्ड होनी चाहिए जिनका नही बना है वे अपनी निकट के चॉइस सेंटर में जाकर बनवा सकते है इसके लिए आवश्यक दस्तावेज राशन कार्ड ,आधार कार्ड और मोबाइल नंबर की जरूरत होती है तंबाखू गुटखा के नुकसान के बारे में बच्चो को बताया गया वे इससे दूर रहे जबकि घर में उसके बड़े बुजुर्गो को भी इससे दूर रखने में बच्चे सहयोग करे तम्बाकू के दुष्प्रभाव के बारे में बताया गया कि इसमें 99 प्रतिशत ज़हरीली पदार्थ होती है।जिससे इसके सेवन से कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है।शैक्षणिक परिसरों को तम्बाकू मुक्त क्षेत्र घोषित किया जाना है तथा युवाओं को तम्बाकू से दूर रहने का आह्वान किया। स्कूल में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के द्वारा आयुष्मान कार्ड बनवाने तथा सिकलिंग जांच की शिविर भी लगाई गई थी।जिसमें विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लेकर अपना अपना आयुष्मान कार्ड बनवाया तथा अपनी सिकलिंग का जांच करवाया।इस अवसर पर बालवाड़ी ब्लॉक नोडल संजीव राजेत्री शाला के प्रधान पाठक श्रीमती चौथ राम ककैवर्त ,ms प्रधानपाठक साधमति मीरी,समन्वयक मनोज कश्यप , महेत्तर लाल देवांगन,नवल सर, विमल देवांगन, कमल कुमार देवांगन,कोमल साहू, दिनेश्वर केसरवानी , शुकदेव यादव, नवल मिरी,वीरेंद्र साहू, आर एच ओ अभिषेक देवांगन, ओमिन साहू एवं सैकड़ो की तादात में छात्र/छात्राएं उपस्थित थे।

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