मुंबई मे 21 से 25 फ़रवरी को अश्वमेध यज्ञ 1008 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ सम्पन्न भव्य कलश यात्रा के साथ प्रारम्भ हुआ अश्वमेध यज्ञ विडिओ कॉन्फ्रेस से यज्ञ मे शामिल हुये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी और देश के युवाओं व गायत्री परिवार को किये सम्बोधित

मुंबई मे 21 से 25 फ़रवरी को अश्वमेध यज्ञ 1008 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ सम्पन्न
भव्य कलश यात्रा के साथ प्रारम्भ हुआ अश्वमेध यज्ञ
विडिओ कॉन्फ्रेस से यज्ञ मे शामिल हुये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी और देश के युवाओं व गायत्री परिवार को किये सम्बोधित
देश के कोने कोने व विदेश शामिल हुये लाखों गायत्री परिजन एवं श्रद्धालुगण
प्रतिकूलपति चिन्मय पंड्या के साथ पहुंची शैल दीदी
कार्यक्रम मे शामिल हुये राज्यपाल रमेश बैस, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, उपमुख्यमंत्री सहित मुंबई के कई स्टार
मुंबई – (एडिटर) – देश के मायानगरी कहे जाने वाली मुंबई (बॉम्बे ) मे अश्वमेध यज्ञ 1008 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ के आयोजन 21 फ़रवरी से 25 फ़रवरी 2024 तक सम्पन्न हुआ जहाँ अश्वमेध यज्ञ का शुभारम्भ भव्य कलश यात्रा व शानदार शोभायात्रा के साथ किया गया. देश के हजारों लाखों परिजनों एवं मुंबई के श्रद्धालुओं ने लगभग 7 किमी तक कलश यात्रा व भव्य शोभायात्रा निकाली. कलश यात्रा एवं अश्वमेध यज्ञ का आयोजन मुंबई के लिये एक ऐतिहासिक कार्यक्रम बन गया. कलश यात्रा से लेकर 1008 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ ( अश्वमेध यज्ञ ) मे देश के कोने कोने से और विदेश से गायत्री परिवार व श्रद्धालुगण पहुंच हुये थे . जहाँ छत्तीसगढ़ राज्य, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश, ओड़िसा, उत्तराखंड, झारखण्ड सहित देश के कोने कोने से गायत्री परिजन पहुंचकर कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिये तन मन धन से सहयोग दिये .वहीँ विदेश से कनाडा, लन्दन, इंग्लैंड, नेपाल इत्यादि देशो के गायत्री परिवार के परिजन व श्रद्धालू भाई बहन कलश यात्रा व अश्वमेध यज्ञ मे शामिल होते नज़र आये .
शांतिकुंज हरिद्वार और मुंबई गायत्री परिवार के संयुक्त तत्वाधान मे अश्वमेध यज्ञ 1008 कुण्डीय गायत्री महयज्ञ का भव्य आयोजन किया गया जो देश का 47 वॉ अश्वमेध यज्ञ है. वहीँ कार्यक्रम का संचालन करने अखिल विश्व गायत्री परिवार के प्रमुख व देव संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रणव पंड्या के सरंक्षण एवं प्रतिकूलपति चिन्मय पंड्या के साथ महिला प्रकोष्ठ के प्रमुख शैल दीदीजी की उपस्थिति मे कार्यक्रम सम्पन्न हुआ . साथ ही शांतिकुंज हरिद्वार के प्रमुख प्रतिनिधियों, प्रज्ञा पुत्रो, देव कन्याओ द्वारा यज्ञ संचालन, विभिन्न संस्कार इत्यादि कराई गई तथा विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के द्वारा विभिन्न मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया.
कलश यात्रा एवं अश्वमेध यज्ञ मे मुख्य अतिथि के रूप मे महाराष्ट्र के महामहिम राज्यपाल रमेश बैस जी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिँह, एम. पी. के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिँह चौहान, महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फंड़विश सहित मुंबई के स्टार हिमेश समिया, समीर, दया बेन, अरुण गोविल,सुनील लहरी, शिव सागर इत्यादि शामिल हुये और अपने उद्बोधन से कार्यकर्ताओ का हौसला बढ़ाया.
हजारों लाखों श्रद्धांलुओं व गायत्री परिवार के सदस्यों के लिये भोजन प्रसाद भंडारे की व्यवस्था राजस्थान व महाराष्ट्र के गायत्री परिजनों व समयदानियों द्वारा की गई . सभी अतिथियों के लिये आवास की व्यवस्था मुंबई के गायत्री परिवार द्वारा सुव्यवस्थित तरीके से किया गया है और छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों के परिजन अलग अलग प्रभार सम्हाले रहे . छत्तीसगढ़ से सारंगढ़ बिलाईगढ़, बलौदाबाजार, रायपुर, धमतरी, महासमुन्द, बिलासपुर, बस्तर, दंतेवाड़ा, दुर्ग, राजनांदगाव सहित सभी जिलों से परिजन कार्यक्रम मे शामिल हुये..
वहीँ 24 फ़रवरी को 1008 कुण्डीय महायज्ञ व सायंकालीन दीप महायज्ञ कार्यक्रम मे अखिल विश्व गायत्री परिवार मथुरा प्रमुख व देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति चिन्मय पंड्या जी विशेष रूप से सम्मिलित हुये और अपने श्रीमुख से हजारों लाखों परिजनों को सम्बोधित किये व अश्वमेध यज्ञ का उद्देश्य बताते हुये देश के युवाओं को प्रेरित किया.
25 फ़रवरी को यज्ञ की पूर्णाहुति देकर कार्यक्रम का समापन किया गया जहाँ हमारे देश के प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी ने विडिओ कॉन्फ्रेंस के साथ यज्ञ मे सम्मिलित होकर गायत्री परिवार के परिजनों व देश के युवाओं को सम्बोधित करते हुये कहा गायत्री परिवार के लोगों को इस विराट 1008 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ अश्वमेध यज्ञ के सफल और भव्य आयोजन के लिये शुभकामनायें देता हूँ जो हमारे देश व विश्व की शांति व देशवाशियों के सुखसमृद्धि के लिये राष्ट्रजागरण कार्यक्रम का आयोजन किये. देश के युवाओं को नशामुक्ति करने के लिये विभिन्न प्रकार के गतिविधियों का संचालन कर रहे हैं ताकि देश की युवा सही रास्ते मे जाएँ. नशे के लत या गलत कामों मे न पड़े. इस प्रकार का आयोजन देश की एकता और अखंडता को बनाये रखता है क्योंकि ऐसे बड़े आयोजन मे देश के कोने कोने से गायत्री परिवार व श्रद्धालुओं सहित अन्य धर्म के लोग पहुंचकर कार्यक्रम को सफल बनाने मे सहयोग किये हैं. गायत्री परिवार सभी धर्म के लोगों को लेकर चलता है जिससे कारण आज देश सहित पुरे विश्व गायत्री परिवार के सिद्धांतो और गायत्री परिवार के संस्थापक पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य के उद्देश्य पर आगे बढ़ रहा है. एक बार फिर भारत देश को जगतगुरु बनाने से कोई नहीं रोक सकता.