लोकप्रिय

मदर्स डे स्पेशल.. क्यों मनाते हैं मदर्स डे..माँ से प्यारा और माँ से अच्छा इस दुनिया में कोई नहीं है…

मदर्स डे स्पेशल…

क्यों मनाते हैं मदर्स डे..माँ से प्यारा और माँ से अच्छा इस दुनिया में कोई नहीं है…

मातृ दिवस पर कुछ लोगों ने अपने माँ के लिए लिखें हैं दो शब्द व 4 लाइन कविता…

के पी पटेल /प्रज्ञा 24 न्यूज़ / 10 मई 2021

बलौदाबाजार – माँ वो हस्ती है जिसमे हर बच्चे की दुनिया बसती है। माँ से प्यारा और माँ से अच्छा इस दुनिया में कोई नहीं है। माँ को समर्पित एक दिन है जिसे मातृ दिवस कहा जाता है। यह दिवस हर साल मई के दूसरे रविवार को मनाया जाता है। इस बार यह दिन 9 मई को है यानी आज। आज मातृ दिवस है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं क्यों मनाया जाता है ये दिन और क्या है इससे जुड़े किस्से।

कहा जाता है इस दिन बच्चे अपनी मां से अपनी जिंदगी में उनकी क्या जगह है इस बात को बताने के लिए तमाम तरीके अपनाते हैं। हम सभी जानते हैं कि आम दिनों में कभी व्यस्त रहने तो कभी कुछ कारणों से लोग सबसे कम समय अपनी मां को ही देते हैं। ऐसे में यह एक ऐसा खास दिन है जब लोग सभी कामों से ऊपर अपनी मां को रखते हैं और उनके साथ समय बिताते हैं। वैसे मातृ दिवस की शुरुआत को लेकर कई किस्से प्रचलित हैं।

कहते हैं कि एना जार्विस नामक एक अमेरिकी महिला ने मदर्स डे मनाने की शुरुआत की थी। जी दरअसल एना अपनी मां से बहुत प्यार करती थी और उनसे बहुत प्रेरित थी। ऐना अविवाहित थीं और अपनी मां के निधन के बाद उनके प्रति सम्मान दिखाने के लिए इस खास दिन की शुरुआत की। वहीँ अगर एक अन्य किस्से पर गौर करें तो उसके अनुसार मदर्स डे सेलिब्रेट करने की शुरुआत ग्रीस से हुई है। जी दरअसल ग्रीस के लोग अपनी माताओं के प्रति विशेष सम्मान रखते थे और इसी सम्मान को दर्शाने के लिए वे इस दिन उनकी पूजा करते थे।

माँ शब्द की तो महिमा ही निराली है। कहते हैं माँ की दुआ कभी खाली नहीं जाती क्योंकि एक माँ ही है जिसकी बात भगवान से भी टाली नहीं जाती। माँ बच्चे को डांटने के बाद खुद रो देती है और अगर बच्चा खाना ना खाए तो खुद भी नहीं खाती है। माँ बच्चे के हर सुख-दुःख में उसके साथ खड़ी रहती है। उसके लिए हर गम झेल जाती है। पिता की डांट से बच्चे को बचाती है और अपने हिस्से की भी रोती उसे खिलाती है। एक माँ ही है इस दुनिया में जो हमे दोबारा नहीं मिल सकती। माँ क्या होती है यह बात वो बच्चे बहुत आसानी से बता सकते हैं जिन्होंने अपनी माँ को खो दिया है। 9 महीने बच्चे को अपने पेट में संभालकर रखने का दर्द, तकलीफ माँ सहती है लेकिन कभी उफ़ नहीं करती। बच्चे को जन्म देने का दर्द भी माँ सहती है लेकिन बच्चे के जन्म लेने के बाद सबसे अधिक खुश भी माँ होती है।

मातृ दिवस पर कुछ लोगों ने अपने माँ के लिए लिखें हैं दो शब्द व 4 लाइन कविता…

देवेश पटेल – रायपुर

 

मेरी माँ के लिए दो शब्द

माँ मेरी वो है जिसने मुझे जन्म दिया ओर जन्म से लेकर बड़े होते तक मुझे हमेशा पालन पोषण के साथ साथ

कुछ न कुछ सिखाती रही आज यही सिख बड़े होने के बाद मुझे मेरे जीवन को आगे बढ़ाने में काम आ रही है जीवन के हर किसी फैसले को मैं जल्दबाजी में लेता था जिससे माँ मुझे बेहत टोकती फटकारती जिसको लेकर मैं हमेशा उन्हें कोसते रहता था जब मेरी घर से कही दूर जाने वाली बात सुनती है तो कुछ न कुछ बहाना करके डांट फटकार कर मुझे अपने से दूर कहि जाने नही देती है क्योंकि मेरी माँ मुझे बहुत प्यार करती है और मैं भी मेरी माँ बहुत तकलीफो का सामना कर मुझे पालकर एक प्यारा सा जीवन दी है अब मैं हमेशा हर पल अपनी माँ को खुश देखना चाहता हु इस माँ की जितनी तारीफ करू शायद वो भी कम है माँ जैसी दुनिया मे कोई नही

नितेश सोनी – बेरला (बेमेतरा )

 

मृतुन्जय (दाता ) ठाकुर – कवि – भटगांव (बलौदाबाजार )

 

 

प्रमोदिनी के पी पटेल भटगांव (बलौदाबाजार )

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button