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छेरछेरा…..माई कोठी के धान ला हेर हेरा….: नए चावल से घर में चौसेला, फरा, दूधफरा, भजिया आदि छत्तीसगढ़ी व्यंजन बनाए, जानिए विधि

छेरछेरा पर्व पौष पूर्णिमा के दिन छत्तीसगढ़ में बड़े ही धूमधाम और उल्लास के साथ मनाया जाता है. इस साल 2024 में छेरछेरा पर्व आज यानी 25 जनवरी को मनाया जाएगा. इसे छेरछेरा पुन्नी या छेरछेरा तिहार भी कहते हैं.इसे दान लेने-देने का पर्व माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन दान करने से घरों में धन धान्य की कोई कमी नहीं होती इस दिन छत्तीसगढ़ में बच्चे और बड़े, सभी घर-घर जाकर अन्न का दान ग्रहण करते हैं.

छेरछेरा त्यौहार तब मनाया जाता है, जब किसान अपने खेतों से फसल काटकर एवं उसकी मिसाई कर अन्न (नया चावल) को अपने घरों में भंडारण कर चुके होते है. यह पर्व दान देने का पर्व है. किसान अपने खेतों में साल भर मेहनत करने के बाद अपनी मेहनत की कमाई धन को दान देकर छेरछेरा त्यौहार मनाते हैं। माना जाता है कि दान देना महा पुण्य का कार्य होता है. किसान इसी मान्यता के साथ अपने मेहनत से उपजाई हुई धान का दान देकर महान पुण्य का भागीदारी निभाने हेतु छेरछेरा त्यौहार मनाते हैं. इस दिन बच्चे अपने गांव के सभी घरों में जाकर छेरछेरा कह कर अन्न का दान मांगते और सभी घरों में अपने कोठी अर्थात अन्न भंडार से निकालकर सभी को अन्नदान करते हैं. गांव के बच्चे टोली बनाकर घर-घर छेरछेरा मांगने जाते हैं.

चीला लगभग हर राज्यों में बनाया जाता है. लेकिन छत्तीसगढ़ के चीले की बात ही अलग होती है.वहां के लोग ज्यादातर सुबह के नास्ते में इसे बनाते हैं. चीला छत्तीसगढ़ का पारंपरिक व्यंजन है. इसे चावल आटे से बनाया जाता है.

पर्व पर बनाए जाते हैं ये पकवान

ऐसा कहा जाता है कि इस दिन सभी घरों में नया चावल का चिला, चौसेला, फरा, दूधफरा, भजिया आदि छत्तीसगढ़ी और अन्य व्यंजन बनाया जाता है. इसके अलावा छेर-छेरा के दिन कई लोग खीर और खिचड़ा का भंडारा रखते हैं. जिसमें हजारों लोग प्रसाद ग्रहण कर पुण्य लाभ प्राप्त करते हैं. इस दिन अन्नपूर्णा देवी की पूजा की जाती है. मान्यता है कि जो भी लोग इस दिन बच्चों को अन्न का दान करते हैं.

छत्तीसगढ़ की परंपरा से जुड़ा हुआ है, नाम है ठेठरी. इसे वहां पर तीज-त्यौहारों पर ज़रूर बनाया जाता है.

तैयारी का समय: 15 मिनट

पकाने का समय: 20 मिनट

सर्विंग साइज़: 6

 

सामग्री

1 कप बेसन

2 टेबलस्पून चावल का आटा

1 टीस्पून जीरा

2 टेबलस्पून घी

2 टेबलस्पून सफ़ेद तिल

1 टीस्पून लाल मिर्च पाउडर

1/2 टीस्पून हल्दी

नमक स्वादानुसार

तलने के लिए तेल

 

विधि

एक बड़ा मिक्सिंग बाउल लें.

उसमें बेसन, चावल का आटा, जीरा, तिल, लाल मिर्च पाउडर, हल्दी और नमक डालें. मिलाएं.

घी गर्म करके डालें और अच्छी तरह से मोयन दें.

आवश्यकतानुसार पानी डालकर कड़ा आटा गूंधकर तैयार करें.

10 मिनट सेट होने दें.

आटे से छोटी-छोटी लोईयां तैयार करें और उसे लंबा करके रोल्स बना लें. या फिर मनपसंद आकार दें.

एक पैन में मीडियम हाई फ़्लेम पर तेल गर्म करें.

तैयार रोल्स को सुनहरा होने तक तले.

आप इसे आप स्नैक्स के तौर पर सर्व कर सकते हैं.

ठंडा होने के बाद एयरटाइट कंटेनर में पैक करके रखें और महीनों तक स्टोर कर सकते हैं.

खुरमी मीठा व्यंजन है. जिसे गेंहू और चावल आटे के साथ बनाया जाता है. छत्तीसगढ़ के ग्रामीण इलाकों में इसकी खूब मांग होती है।

अईरसा भी छत्तीसगढ़ के स्वादिष्ट व्यंजन की लिस्ट में शुमार है. इसे चावल के आटे से बनाया जाता है. अईरसा बनाने के लिए चावल आटे को भिगोकर फिर सुखाकर उसमें गुड़ की चासनी डाली जाती है. इसके बाद तेल में तला जाता है.

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