देश विदेशलोकप्रिय

नौकरी के बदले जमीन” घोटाले में ईडी ने लालू के ‘करीबी’ बिजनेसमैन को किया गिरफ्तार

नई दिल्‍ली : एके इंफोसिस्टम (Ak Infosystems) के प्रमोटर बिजनेसमैन अमित कात्याल (Amit Katyal) को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने “नौकरी के बदले जमीन” घोटाले (Land For Job Scam) गिरफ्तार कर लिया है. कत्याल, लालू यादव (Lalu Yadav) के परिवार के कथित सहयोगी हैं. कत्याल और एके इंफोसिस्टम जमीन घोटाले में ईडी और सीबीआई की जांच के दायरे में हैं. सीबीआई ने घोटाले में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बिहार के उपमुख्‍यमंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है. “नौकरी के बदले जमीन” घोटाले में ईडी ने आरोप लगाया था कि अपराध की कुल आय 600 करोड़ रुपये है.

एके इंफोसिस्टम का दफ्तर लालू यादव परिवार के एनएफसी स्थित आवास से चल रहा है. ईडी ने मार्च में एक बयान में कहा था, “संपत्ति को कागज पर मेसर्स एबी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के कार्यालय के रूप में घोषित किया गया है, लेकिन इसका उपयोग विशेष रूप से तेजस्वी प्रसाद यादव द्वारा आवासीय परिसर के रूप में किया जा रहा है.”

कात्याल 2 महीने से कर रहा था ईडी के समन की अनदेखी

सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने कात्याल को शुक्रवार को हिरासत में लिया और फिर पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया. उन्होंने कहा कि कात्याल को स्थानीय अदालत में पेश किए जाने की संभावना है, जहां ईडी पूछताछ के लिए उसकी हिरासत की मांग करेगी. सूत्रों के मुताबिक, कात्याल करीब दो महीने से ईडी के समन की अनदेखी कर रहा था. दिल्ली हाई कार्ट ने हाल में इस मामले में उसके खिलाफ जारी ईडी के समन को रद्द करने के अनुरोध वाली उसकी याचिका खारिज कर दी थी.

एके इंफोसिस्टम्स मामले में एक ‘लाभार्थी कंपनी’

ईडी ने इस साल मार्च में जब लालू, तेजस्वी, उनकी बहनों और अन्य के परिसरों पर छापे मारे थे, तब कात्याल से जुड़े ठिकानों की भी तलाशी ली गई थी. जांच एजेंसी के अनुसार, कात्याल राजद सुप्रीमो का ‘करीबी सहयोगी’ होने के साथ-साथ ‘ए के इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड’ का पूर्व निदेशक भी है. एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड इस मामले में कथित तौर पर एक ‘लाभार्थी कंपनी’ है और इसका पंजीकृत पता दक्षिणी दिल्ली की न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी स्थित एक आवासीय इमारत है, जिसका इस्तेमाल तेजस्वी यादव कर रहे थे.

जब लालू थे रेल मंत्री, तब हुआ था ‘घोटाला’

कथित घोटाला उस समय का है, जब लालू केंद्र में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की पहली सरकार में रेल मंत्री थे. आरोप है कि 2004 से 2009 तक भारतीय रेलवे के विभिन्न क्षेत्रों में समूह ‘डी’ पदों पर कई लोगों को नियुक्त किया गया था और बदले में इन लोगों ने अपनी जमीन तत्कालीन रेल मंत्री लालू के परिवार के सदस्यों और एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड को हस्तांतरित कर दी थी. धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत दर्ज किया गया ईडी का यह मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज की गई एक शिकायत पर आधारित है.

सीबीआई के अनुसार, नियुक्ति के लिए कोई विज्ञापन या सार्वजनिक सूचना जारी नहीं की गई थी, लेकिन पटना के कुछ निवासियों को मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में विभिन्न जोनल रेलवे में स्थानापन्न के रूप में नियुक्त किया गया था. जांच एजेंसी का आरोप है कि बदले में उम्मीदवारों ने सीधे या अपने परिवार के सदस्यों के माध्यम से लालू के परिवार के सदस्यों को कथित तौर पर अत्यधिक रियायती दरों पर जमीन बेची, जो मौजूदा बाजार दरों के एक-चौथाई से पांचवें हिस्से तक थी.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button