कृषि उपज मंडी के अध्यक्ष ओंकार साहू चला रहे कबाड़ का अवैध धंधा, जानकारी उपलब्ध कराने से झाड़ रहे पल्ला, सम्बंधियों को दिला रहे लाभ

धमतरी। CG BIG NEWS : शासकीय कामकाज में पारदर्शिता को लेकर लगाये जाने वाले सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत निकाले जाने वाली जानकारी समयावधि में नहीं मिलने के कारण उसकी द्वितीय अपील सूचना आयोग में संबंधितों द्वारा लगाई गई जिसमें इस अधिनियम के तहत लगने वाले आवेदनों को समयावधि में जनसूचना अधिकारियों को जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है, परंतु कृषि उपज मंडी धमतरी में सचिव के द्वारा धमकाते हुए न सिर्फ पावती देने से इनकार कर दिया वहीं जानकारी भी उपलब्ध नहीं कराने की बात कही गई, जिसे लेकर आशीष शर्मा ने इसकी शिकायत प्रबंध संचालक छग राज्य विपणन मंडी बोर्ड रायपुर सहित कृषि मंत्री, मुख्य सचिव छग शासन तथा कलेक्टर धमतरी को देते हुए जांच एवं कार्यवाही की मांग की है।

शिकायतकर्ता ने कलेक्टर कार्यालय में जून 2023 में की गई शिकायत की जांच अभी तक मंडी बोर्ड द्वारा नहीं किये जाने पर अफसोस जाहिर किया है। अपने शिकायत पत्र में यह तथ्य दर्शित है कि उसके द्वारा सूचना के अधिकार के तहत कबाड़ विक्रय के संबंध में जानकारी चाही गई थी किंतु एक माह बीत जाने के बाद भी आज तक जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई, जो कि नियम विरूद्ध है। शिकायत में आगे यह भी लिखा है कि जानकारी हेतु उसने मंडी सचिव के समक्ष सूचना के अधिकार के तहत जानकारी नहीं मिलने को लेकर मुलाकात की थी जिसमें सचिव ने यह कहा कि जो जानकारी चाहिये उसे मैं मौखिक रूप से दे सकता हूं, छायाप्रति भी उपलब्ध करा सकता हूं। मेरे मना करने के बाद मैं उक्त आवेदन को स्थापना शाखा में देने गया जिसमें प्रभारी ने कहा कि उक्त कबाड़ के संबंध में सूचना के अधिकार के तहत जानकारी नहीं दी जा सकती क्योंकि अध्यक्ष एवं सचिव द्वारा मना किया गया है। मैं हतोत्साहित होकर आवेदन को उनके टेबल में छोड़ा और पावती मांगा तो वे देने से इनकार किये और आवेदन की पावती भी नहीं दिये।

कीमति सामानों को कौडिय़ों के दाम बेच दिया गया

कृषि उपज मंडी समिति धमतरी में कबाड़ के नाम पर मंडी समिति के कीमति सामानों को कौडिय़ों के दाम बेच दिया गया है। विक्रय हेतु शासन एवं मंडी बोर्ड के नियमों का पालन नहीं किया गया है। इनका यह भी कहना है कि किसी भी संस्था की सामग्री को विक्रय के पूर्व समाचार पत्रों में निविदा निकाली जाती है। साथ ही सामग्री की कोई विधिवत सूची भी नहीं बनाई गई है। जैसे ही सामग्री का क्रय, सामग्री की उपयोगिता है या नहीं, इसका मूल्यांकन नहीं किया गया है। जबकि सामग्री का मूल्यांकन कर ऑफसेट प्राईज तय कर सामग्री की खुली बोली हेतु राशि तय की जाती है। उपरोक्त सभी कार्यवाही को बलाये ताक में रखकर अपने लोगों तथा स्वयं को लाभ पहुंचाने के लिये सामग्री का विक्रय किया गया है तथा विक्रय किये गये कबाड़ का न तो कोई ताल पर्ची है, न ही जावक पर्ची है। उक्त कार्यवाही में सचिव एवं कर्मचारियों की मिलीभगत दिखाई देती है। इस संपूर्ण कार्य की जानकारी मंडी अध्यक्ष को भी है। लेकिन इसके बाद भी जांच नहीं की जा रही है, और इसी वजह से सूचना का अधिकार अंतर्गत जानकारी मुझे उपलब्ध नहीं कराई गई है। इस संबंध में मंडी अध्यक्ष से दूरभाष पर संपर्क कर चर्चा किये जाने पर उन्होंने कहा कि किसी भी कार्य को करने के लिये एक समिति बनाई जाती है और समिति द्वारा सभी शासकीय नियमों का पालन करते हुए कबाड़ विक्रय किया गया है।

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