बलौदा बाज़ारलोकप्रिय

कृषक मौसम अनुसार करे उर्वरक दवाईयों का प्रयोग, कृषि उप संचालक ने दी सलाह

News : कृषक मौसम अनुसार करे उर्वरक दवाईयों का प्रयोग, कृषि उप संचालक ने दी सलाह

बलौदाबाजार : दीपक वर्मा : CG News : जिला बलौदाबाजार भाटापारा में अद्यतन खरीफ फसलों की शत प्रतिशत बोवाई का कार्य हो चुका है। रायपुर स्थित कृषि मौसम वेधशाला में दर्ज आंकड़ों के अनुसार इस क्षेत्र में विगत सप्ताह औसतन अधिकतम व न्यूनतम तापमान क्रमश: 32.9 डि. से. (सामान्य से अधिक) तथा 24.3 डि.से. (सामान्य के आसपास) दर्ज किया गया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग रायपुर द्वारा जारी मौसम पूर्वानुमान के अनुसार छत्तीसगढ़ के अधिकांश स्थानों में मध्यम से घने बादल छाए रहने के साथ-साथ हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है। जिसे ध्यान में रखते हुए कृषको को फसलो में कृषि कार्य का संपादन करना उचित होगा।

जिले के लिए मौसम आधारित कृषि सलाह

जो कृषक धान की खेती कर रहे है तथा धान कन्सा अवस्था में है व खेतो में खरपतवार अधिक है वे दूसरी निदाई का कार्य हाथ से करें। साथ ही नत्रजन की दूसरी मात्रा का छिड़काव (टॉप ड्रेसिंग) करें जिससे कन्से की स्थिति में सुधार आयेगा। फसल में कीट या खरपतवार होने की स्थिति में दोनों के नियंत्रण के बाद ही यूरिया (40) किलोग्राम हेक्टर) का छिटकाव करें। खेतों में 5 से. मी. धान से होने भरा पानी अधिक दें। भरने न पानी अधिक से हैं। होती प्रभावित संख्या की कन्सो में गभोट अवस्था में शीघ्र एवं मध्यम अवधि वाले धान फसल 60-75 दिन के होने पर नत्रजन की तीसरी मात्रा का छिड़काव (टॉप ड्रेसिंग) यूरिया (40 किलोग्राम / हेक्टर) का छिटकाव करें। पोटाश की सिफारिश मात्रा का 25 प्रतिशत भाग फूल निकलने की अवस्था पर टॉप ड्रेसिंग करें से धान के दानों की संख्या एवं वजन में वृद्धि होती है।

कीट व्याधि

धान फसल पर पीला तना छेदक कीट के वयस्क दिखाई देने पर फसल का निरीक्षण कर तना छेदक के अंडा समूह को एकत्र कर नष्ट कर देवें साथ ही डेड हार्ट (सूखी पत्ती) को खीचकर निकाल देवें। तना छेदक की तितली 1 मोथ प्रति वर्ग मीटर में होने पर फिप्रोनिल 5 एस. सी. 1 लीटर प्रति हे. दर से छिटकाव करें। पत्तीमोइक (चितरी) की 1 से 2 पत्ती प्रति पौधा होने पर फिप्रोनिल 5 एस. सी. 800 मि.ली. प्रति हे. की दर से छिटकाव करें । मौसम साफ रहने पर कीटनाशक दवाई का छिड़काव करें।

धान की फसल में झुलसा रोग (ब्लास्ट) के प्रारम्भिक अवस्था में निचली पत्ती हल्के बैगनी रंग के धब्बे पड़ते है, जो धीरे धीरे बढ़कर आँख/नाव के समान बीच में चौड़े एवं किनारों में सकरे हो जाते है, इन धब्बो के बीच का रंग हल्के भूरे रंग का होता है। इसके नियंत्रण के लिए टेबूकोनाजोल 750 मि.ली. प्रति हे. 500 लीटर पानी में घोल बना कर छिड़काव करें

कृषक मौसम अनुसार फसलो में उर्वरक एवं दवाई का उपयोग करें

उप संचालक कृषि दीपक कुमार नायक का कृषको को सलाह है की वे खेतों की सतत निगरनी करें व लक्षण दिखने पर उपर्युक्त रोकथाम का उपाय करें। फल एवं सब्जी के खेतों में जहां पानी भरा हो वहां जल निकास की व्यवस्था करें। कृषक मौसम अनुसार फसलो में उर्वरक एवं दवाई का उपयोग करें जिससे वे संसाधनों का अधिकतम लाभ ले सकते है एवं फसल से अच्छी उपज भी प्राप्त कर सकते है। कृषकगण कृषि सम्बंधित किसी भी प्रकार के समस्या के लिए क्षेत्रीय कृषि अधिकारी कृषि कार्यालय या कृषि विज्ञान केंद्र में संपर्क कर सकते है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button