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श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन के ऐतिहासिक व सांस्कृतिक विषय पर केन्द्रित पाञ्चजन्य एवम् ऑर्गनाइजर के विशेषांक का विमोचन समारोह संपन्न 

श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन के ऐतिहासिक व सांस्कृतिक विषय पर केन्द्रित पाञ्चजन्य एवम् ऑर्गनाइजर के विशेषांक का विमोचन समारोह संपन्न 

हरेंद्र बघेल, प्रज्ञा 24 न्यूज

रायपुर (छत्तीसगढ़)। श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन के ऐतिहासिक व सांस्कृतिक विषय पर केन्द्रित साप्ताहिक पत्रिका पाञ्चजन्य व ऑर्गनाइजर के विशेषांक का विमोचन समारोह सोमवार दिनांक 15 फरवरी 2021 को वनवासी विकास समिति, रोहिणीपुरम, रायपुर के सभागार में संपन्न हुआ।

इस विमोचन समारोह का आयोजन छत्तीसगढ़ विश्व संवाद केन्द्र ने किया। विमोचन समारोह में मंचासीन अतिथि संघ के पूर्व क्षेत्र प्रचारक व पूर्व राज्यसभा सांसद श्री श्रीगोपाल जी व्यास, संघ के पूर्व प्रान्त संघचालक श्री बिसराराम जी यादव, प्रान्त प्रचारक श्री प्रेमशंकर जी सिदार व सामाजिक सद्भाव प्रमुख श्री कौशलेंद्र प्रताप सिंह जी थे, जिनके करकमलों से पाञ्चजन्य व ऑर्गनाइजर के विशेषांक का विमोचन हुआ।

विशेषांक विमोचन के पश्चात श्री कौशलेंद्र प्रताप सिंह जी ने अपने संबोधन में कहा कि, उनका जन्मस्थान अयोध्या के निकट ही एक गांव में है इसलिए भी अयोध्या से काफी जीवंत लगाव है। उन्होंने कहा कि, वे श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन से प्रारंभ से जुड़े रहे, तब वे विश्व हिन्दू परिषद के प्रदेश महामंत्री थे, इस नाते भी उनकी सक्रिय भूमिका रही। 1992 की कारसेवा में छत्तीसगढ़ प्रान्त के कारसेवकों के साथ वहां थे और संगठन से जारी हो रही सूचनाओं का पालन कर रहे थे। कारसेवकों का उत्साह उन्हें सदैव प्रेरणा देता रहा। उन्होंने इस आंदोलन से जुड़े कई प्रेरक प्रसंग भी उपस्थित जनों के साथ साझा किए।

पूर्व प्रान्त संघचालक श्री बिसराराम जी यादव ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि, भगवान श्रीराम के मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त होना, यह हिन्दू समाज के वर्षों के संघर्ष का परिणाम है इसलिए, आज श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए सम्पूर्ण हिन्दू समाज सहयोग कर रहा है, जिसमें जनता अपने दल और विचारों से ऊपर उठकर अपना योगदान दे रही हैं।
श्री बिसराराम जी श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन के समय प्रान्त कार्यवाह रहे, इस कारण भी उनकी इस आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका रही। उन्होंने अपने संबोधन में कई प्रेरक प्रसंग व अनुभवों को उपस्थित जनों के साथ साझा किए।

मुख्यवक्ता के रूप में श्री श्रीगोपाल जी व्यास ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि, स्व. अशोक जी सिंहल होते तो कितना आनंदित होते, क्योंकि वे श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन का बहुत ही कुशलता से नेतृत्व कर रहे थे। वह समय संघर्ष का रहा। पुरातात्विक, कानूनी व राजनीतिक लड़ाई निरंतर लड़ी गई और अंत में एक निर्णायक स्थिति में पहुंचकर आज भगवान श्रीराम जी का भव्य मंदिर बनने का कार्य प्रारंभ हुआ है।

पाञ्चजन्य व ऑर्गनाइजर देश की प्रतिष्ठित पत्रिका ने यह विशेषांक प्रकाशित किया, यह बहुत सराहनीय कार्य है। काफी परिश्रम से इस विशेषांक का प्रकाशन हुआ है। यह पठनीय व संग्रहणीय अंक है। इस विशेषांक में श्रीराम मंदिर आंदोलन से जुड़ी कई महत्वपूर्ण सामग्री दी गई है। छत्तीसगढ़ प्रान्त में इस विशेषांक की अधिकाधिक प्रतियाँ प्रबुद्ध जनों तक पहुंचाने के लिए विश्व संवाद केन्द्र विशेष प्रयत्न कर रहा है।

योगायोग से श्रीगोपाल जी व्यास का आज जन्मदिवस होने के कारण उन्हें मंचासीन अतिथियों के द्वारा शाल श्रीफल देकर उन्हें सम्मानित किया गया और उपस्थित जनों ने उन्हें शुभकामनाएं प्रदान की।

इस अवसर पर संघ के अखिल भारतीय शारीरिक शिक्षण प्रमुख श्री सुनील जी कुलकर्णी, संघ के अनेक अधिकारियों सहित रायपुर महानगर के प्रबुद्धजन उपस्थित थे।

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