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इंजीनियर, ठेकेदार की लापरवाही से गिरी बिल्डिंग:दुकान संचालक ने दी थी इमारत हिलने की जानकारी, फिर भी जिम्मेदारों ने नहीं दिया ध्यान

इंजीनियर, ठेकेदार की लापरवाही से गिरी बिल्डिंग:दुकान संचालक ने दी थी इमारत हिलने की जानकारी, फिर भी जिम्मेदारों ने नहीं दिया ध्यान

बिलासपुर में नाला खुदाई के चलते तीन मंजिला बिल्डिंग गिरने के मामले में इंजीनियर और ठेकेदार की लापरवाही सामने आई है। बिल्डिंग मालिक और दुकान संचालक ने अपने बयान में बताया कि वह करीब दस फीट गहरा खुदाई करने के दौरान उन्होंने इंजीनियर और ठेकेदार सहित काम करने वालों को बिल्डिंग के हिलने की जानकारी दी थी।इसके बाद भी उन्होंने कह दिया कि नाला के लिए जितनी गहरे खुदाई की जरूरत है उतनी ही खुदाई की जा रही है। उन्होंने हिल रही दीवारों को बचाने के लिए कोई प्रयास तक नहीं किया। बुधवार को ठेकेदार और इंजीनियर ने भी अपना पक्ष रखा है। नगर निगम का अमला जांच अधिकारियों की मौजूदगी में जब मलबा हटा रहा था, तब भी यह स्पष्ट हो गया था कि नींव से ज्यादा गहरी खुदाई के चलते ही बिल्डिंग गिरी है। नगर निगम के जानकार सूत्रों ने भी बताया कि जब मलबा हटाया गया, तब नाले की भवन तरफ की दीवार और नींव सुरक्षित थी। हालांकि, यह भी कहा जा रहा है कि बिल्डिंग की नींव नाले की दीवार पर टिकी थी। अगर ऐसा हुआ भी है, तो आखिर बिल्डिंग कैसे गिरी इसका जवाब किसी के पास नहीं है।

कम जगह पर ज्यादा ऊंची बिल्डिंग, यह भी हो सकती है वजह

जांच टीम में शामिल सूत्रों का कहना है कि बिल्डिंग गिरने की एक वजह यह भी हो सकती है कि महज 800 वर्गफीट में तीन मंजिला इमारत खड़ी कर दी गई थी। उदाहरण के तौर पर बिल्डिंग कुतुबमिनार की तरह थी। ऊंची बिल्डिंग की नींव के ठीक बाजू में गहरा गड्‌ढा और बारिश की वजह से पानी के चलते ही यह घटना होने की आशंका है। यदि वही बिल्डिंग ज्यादा जगह पर बनी होती तो हादसा होने की संभावना कम थी।

जानिए कैसे हुआ था हादसा...

बीते शनिवार की सुबह करीब 6.15 बजे मंगला चौक में तीन मंजिला बिल्डिंग अचानक भराभरा कर गिर गई थी। यहां स्मार्ट सिटी के तहत नाला बनाया जा रहा है, जिसके लिए बिल्डिंग की नींव से लगी हुई जमीन पर 10 फीट गहरा गड्‌डा खोद दिया गया है। यहां सड़क के बीच नाले को जोड़ने के लिए कल्वर्ट बनाया गया है, जिसके लिए खुदाई की गई है। स्मार्ट सिटी के एमडी कुणाल दुदावत ने स्मार्ट सिटी के फंड से होने वाले इस निर्माण की मॉनिटरिंग करने की जिम्मेदारी जोन के ईई प्रवीण शुक्ला को दी थी। इसके बावजूद उन्होंने लापरवाही बरती और ठेकेदार कोमल सिंह ठाकुर के इस काम को नजरअंदाज कर मनमानी करने की छूट दे दी। नतीजा यह हुआ कि ऊंची बिल्डिंग की नींव कमजोर होने के कारण वह गिर गई।

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