
11 बेजुबान मवेशियों के पैर को बांधकर आधी रात को खेत मे फेकने वाले ट्रैक्टर चालक एवं मालिक गिरफ्तार…
4 मवेशियों के मौके पर मौत होने के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने आरोपियों को पकड़ने के लिये 3 दिनों से लगे रहे और उनके सूझबूझ ने आरोपियों को आखिर ढूंढ लिया…
सारंगढ़ – बिलाईगढ़ : सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिला बनने के बाद ये पहली बड़ी घटना है जो 11 – बे जुबान मवेशियों के पैर को बांधकर आधी रात को रोड किनारे पानी से भरे खेत मे फेक दिया गया. जहाँ सुबह तक 4 मवेशियों की मौत हो चुकी थी.
जानकारी के मुताबिक बिलाईगढ़ विधानसभा के सिंधीचुआ मार्ग के खेत में तीन दिन पहले अज्ञात व्यक्तियों ने लगभग 11 गायों के पैरों को रस्सी बांधकर खेत में फेंक दिया था। जिसे सुबह खेत मे काम करने वाले किसानों ने देखा और मौके पर पुलिस विभाग को इनकी सुचना दिये और वहीं मानवता का परिचय देते हुए सिंघीचूवा किसानों व ग्रामीणों ने बाकि घायल मवेशियों के पैर मे बंधे रस्सीयो को खोला और उनका ईलाज करवाकर उनकी जान बचाई.
भटगांव पुलिस पहुँच कर पूरे मामलें का जाँच करते हुये अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर कर विवेचना में लिया गया था।
इसी बीच इस मामलें में दो दिनों के सिंघिचुवा ग्रामीणों के अथक प्रयास और सूझ बुझ से मवेशियों के कान मे लगे कोडिंग की सहायता से मवेशियों का पता लगा लिया जहाँ ग्रामीणों के पूछ ताछ और दो दिनों के छान बिन से शनिवार देर शाम सिंधीचुआ के कुछ ग्रामीणों ने ट्रेक्टर से गायों को फेकने वाले ट्रेक्टर चालक और मालिक को पकड़कर भटगांव थाना लाया जहाँ पुलिस ने विवेचना करते हुए आगे की कार्यवाही किये.
गौरतलब पकड़े गए युवक ट्रेक्टर चालक मालिक का लड़का बता रहा है और जो ट्रेक्टर में गायों को बछौर डीह के स्कूल के पास से लोडकर छोड़ने इनके पिता और स्वयं आया था। जिसमें कुल 11 आवारा पशुओं को लोडकर सिंधीचुआ के खेत में लाया गया और रात को तकरीबन 1 बजे के आसपास खेत में फेंककर चला गया। पकड़े गए युवक के बताए अनुसार इस पूरे मामले में बछौरडीह के सरपंच, उपसरपंच सहित कुछ ग्रामीण शामिल है। बहरहाल भटगांव पुलिस ट्रेक्टर चालक और उसके पिता सहित और कुछ लोंगों को पकड़कर थाना लाया है पूछताछ कर रही हैं। जिसके बाद इसमें शामिल और आरोपियों को पकड़ने आगे की कार्यवाही करेगी। बताया जा रहा कि इन गायों को छोड़ने के लिये ट्रेक्टर मालिक को 3500 रुपये दिया गया था।
शासन प्रशासन एक तरफ गरुवा, घुरुवा, नरुवा एवं बाड़ी के लिये अथक प्रयास करते हुए हर संभव प्रयास कर रही है और वहीं दूसरे तरफ ग्रामीणों एवं पशु मालिकों द्वारा घोर लापरवाही देखने को मिल रहा है. जो अपने फसल को बचाने के लिये मवेशियों पर क्रूरता तक करने मे उतर आये. आज गाय को गौमाता कहकर उनकी सेवा करने वाले लोग और संगठन आखिर कहां है ? आपको मेन रोड और प्रत्येक गाँव मे सैकड़ो मवेशियों को स्वतंत्र घुमते हुए देख सकते हैं जहाँ आज गौमाता कहने वाले किसानों और ग्रामीणों एवं नगर वासियों के लिये समस्या का कारण और आखिर सरदर्द क्यों बना है… आखिरकार शासन के अमूलचूक योजना क्यों फ़ैल होते हुए नजर आ रही है.
अधिकांश गोठानो एवं कांजी हाउस को बारीकी से देखें तो मवेशियों के लिये सर्व सुविधा देखने को नहीं मिल रहा है. केवल मवेशियों के लिये जेल बना हुआ है. जेल मे तो 2-3 समय खाने को मिल जाता है लेकिन यहाँ तो हालात ही कुछ और है.